Wednesday, April 29, 2009

"फूलो को तोहफा हम देंगे "

फिर बेवफा को दोस्त बना बैठे, उसकी सादगी से फरेब खा बैठे
पथरों से है अपना रिश्ता पुराना, फिर भी शीशे का घर बना बैठा .
उनको हमसे मुहब्बत होने तो दो, फूलों को तोहफा हम देंगे.
ख्वाब आँखों में कोई संजोने तो दो, फूलो को तोहफा हम देंगे
है दिल मैं तमन्ना ये बाकि अभी, के हमपे कभी वो करंगे करम.
इन साँसों पे है बस इख्तियार उनका, बस उसकी ही खातिर हम लेते हैं दम.
उनकी नज़ारे इनायत होने तो दो, फूलो को तोहफा हम देंगे.
नाज़ है हमको महबूब पे अपने, कोई भी जंहा में उस जैसा नही है.
होठो से पिला कर जो मदहोश कर दे, आंखों में उसकी वो मयकशी है.
जवान मोहब्बत का दरफ्त होने तो दो, फूलो को तोहफा हम देंगे।

Regards
Alok Raj

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