मेरी अरमान
आँखे मेरी भी नम थी दिल में मेरे भी गम थे,ये जो दर्द तुने दिए ये मुझ पत्थर के लिए कम थे
अब तो जलन होती है और एक तड़प है सीने में
जाने क्यों जीते है लोग क्या मजा है जीने में
कब तक दिल को समझाते रहेंगे
कब तक आंसू बहाते रहेंगे
"दर्द प्यार में ही मिलता है"
ऐसे कब तक खुद को बहलाते रहेंगे,
चलो छोडो ये दुनिया की बातें लौट के आ जाओ
तुम आखें बिछा के बैठा हूँ मै मेरे सपनों में
फिर से समाओ तुम मेने ख्वाबों में
बस तुम्ही को देखा है क्या करे प्यार,
प्यार तो एक धोखा है........................
Regards
alok raj (Diwana)
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