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DIWANA
Friday, December 19, 2008
कोई
दिवाना
कहता
है
कोई
पागल
समझा
ता
है
,
मगर
धरती
की
बेचनी
को
बस
बादल
समझा
ता
है|
मै
तुझसे
दूर
कै
से
हाउ
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सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती, सदा हँसने हँसाने व...
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कोई दिवाना कहता है कोई पागल समझाता है , मगर धरती ...
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